राष्‍ट्रीय

Amit Shah बिना दवा जी रहे हैं स्वस्थ जीवन! जानिए उनका फिटनेस मंत्र

गृह मंत्री Amit Shah ने वर्ल्ड लिवर डे के मौके पर ILBS द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने निजी अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि मई 2020 से उन्होंने अपने जीवनशैली में बड़ा बदलाव किया है। पर्याप्त नींद पानी संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की वजह से अब वे किसी भी एलोपैथिक दवा या इंसुलिन के बिना स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे रोज दो घंटे व्यायाम और छह घंटे की नींद जरूर लें जिससे वे लंबे समय तक देश के विकास में योगदान दे सकें।

फैटी लिवर बन रहा है नई चिंता

शहरी क्षेत्रों में बदलती जीवनशैली और खाने की आदतों के कारण नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज यानी NAFLD एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी बिना शराब के सेवन के भी लिवर में फैट जमने से होती है। इस साल के वर्ल्ड लिवर डे की थीम ‘भोजन ही दवा है’ रखी गई है जिससे साफ है कि हमारे खाने का हमारी सेहत पर गहरा असर पड़ता है।

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सरकार ने मानी NAFLD की गंभीरता

पिछले साल केंद्र सरकार ने NAFLD को एक प्रमुख गैर संचारी रोग के रूप में मान्यता दी थी। इसका मतलब है कि यह बीमारी अब देशभर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या मानी जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर सही खानपान और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

फैटी लिवर एक साइलेंट एपिडेमिक

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक फैटी लिवर एक साइलेंट एपिडेमिक बन चुका है। इसका असर समाज के हर वर्ग में देखा जा रहा है। इसके मामले 9 प्रतिशत से लेकर 32 प्रतिशत तक पाए जा रहे हैं जो आयु लिंग निवास स्थान और सामाजिक स्थिति पर निर्भर करता है। इसका मतलब है कि हर 10 में से 1 से 3 व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी और सुझाव

शहर के हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट का कहना है कि लगातार बढ़ती बैठकर काम करने की आदतें और खराब भोजन की वजह से फैटी लिवर के मामले बढ़ रहे हैं। वे लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि समय रहते अपनी दिनचर्या में बदलाव करें। स्वस्थ आहार और व्यायाम के जरिए इस बीमारी को रोका जा सकता है।

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